प्रवेंद्र तोमर@भोपाल. आठों आतंकी शहर में बड़ी वारदात अंजाम देना चाहते थे। निशाने पर मॉल या भीड़-भाड़ वाला क्षेत्र था। सुबह 7 बजे तक खुफिया सूत्रों को इसका पुख्ता इनपुट मिल चुका था। सघन चेकिंग शुरू की गई। पहले शहर से बाहर जाने वाले रास्तों पर चेकिंग थी, इस इनपुट के बाद शहर के मॉल की सुरक्षा और पुख्ता कर दी गई।
आतंकी करीब 3 बजे जेल की मुख्य दीवार फांदकर एंट्री गेट से 100 मीटर दूरी पर बने एक छोटे गेट को तोड़कर बाहर सड़क पर पहुुंच चुके थे। वे शहर से बाहर भागने के लिए अंधेरे की ओट में खेतों और जंगलों के रास्ते इंदौर हाइवे पर आ सकते थे पर उन्होंने एेसा नहीं किया। वे उल्टे शहर की तरफ गए और उजाला होने तक छिपे रहे।
कहां से मिली जीपीएस वॉच!
खुफिया सूत्रों से ये भी पता चला है कि इस दौरान उन्हें किसी ने कपड़े, जूते और जीपीएस वॉच उपलब्ध कराई। क्या आतंकी जीपीएस वॉच चलाना जानते थे? क्या उन्हें किसी ने खेजड़ा के आसपास की लोकेशन बताकर उस क्षेत्र में ठहरने को कहा था? क्या उन्हें वारदात का नया टास्क मिलने वाला था? जब खुफिया विभाग ने कडिय़ां जोड़ी तो उनके होश उड़ गए।
इनमें एक और अहम बात ये कि आठों आतंकी एक साथ रहे। संभवत: उनका मकसद भागना नहीं था। ऐसा होता तो वे अलग-अलग गुटों में बंट जाते। सूत्र बताते हैं कि तत्काल इसकी सूचना आला अधिकारियों को दी गई। इसके बाद खुफिया एजेंसियों की आपात बैठक हुई, जिसमें पुलिस अधिकारी भी मौजूद थे।
Hindi News/ Bhopal / सिमी के निशाने पर थे मॉल-भीड़भाड़ वाले इलाके, भागना नहीं था मकसद